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कौन सी मिटटी के जाये हैं आप!
ऊपर वाले ने शायद आप को पत्थर से तराशा होगा;
ज़रा भी मोम न लगाया आपको गढ़ने में।
फिर भी आप सूरज के ताप से
गलने का दावा करते है।
हमें भट्टी की आंच में तपाया गया है
जब तक घिस रहे है, घिस जायेंगे।
जिस दिन आपसे टकरायेंगे,
उस दिन बिखर जायेंगे।
मिटटी में जब मिल जायेंगे,
तब देखेगे तमाशा कुदरत का:
जिस दिन आप चट्टान के सामने होंगे
और ज्यादा देर टिक नहीं पाएंगे।
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