Monday, April 30, 2012

मोहल्ले के नए डॉक्टर के लिए


अब आप बताएँ इस हाल में किया क्या जाए;
दिल में बसे दर्द को कैसे मिटाया जाए।
सुबह माँ ने बोला, "दर्द पेट से उठा है,"
दोस्त बोलतें हैं हमें इश्क़ हुआ है।
ग़ालिब भी पूछ्तें हैं इस मर्ज़ की दवा,
वैद जी का कहना है- "पेट में है हवा!"
किस की सुनें मुझे समझ नहीं आता है, 
हर कोई अपनी राय देकर चला जाता है।
अब शायद आप ही मेरी कुछ मदद कर पाएं;
क्या पता, आप मेरी पीड़ा को समझ पाएं।

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