Tuesday, January 31, 2012

Calm Disregard


You made me wail
You made me weep
You finished my whole life
With a single sweep
I want nothing from you
Now that you can see
All I want now is
Some sugar in the tea.

चिड़िया का बसेरा


जीते हैं इसी उम्मीद पर,
एक दिन हमारा भी आएगा।
शाख पर पत्ते होंगे,
पत्तों का साया भी आएगा।
साए के नीचे होगा घरौंदा,
घरौदे के बागीचे में

गुलमोहर के पेड़ पर

नन्ही चिड़िया का बसेरा भी आएगा,
एक दिन हमारा भी आएगा।

मेरे आँचल से बंधा हुआ


लम्हे आँखों के सामने

नाचने लगे,

नए ख्वाब दिखाने लगे।

लगा कि जैसे ये मेरे पास ही रहेंगे,

मेरे आशियाने में सजेंगे ।

जी चाहता था इन्हें समेट लूं,

अपने नीले आँचल में छुपा लूं।

हाथ बढाया तो लम्हे हवा हो गए,

मेरे आँचल के सिरे में बंधने से पहले

न जाने कहाँ चले गए ।

आँचल अब खाली गांठों से भरा था ,

मन तो दुःख और पीड़ा से हरा था ।

तभी कहीं कोने से एक नन्हा पल बोला,

"जाने दो लम्हों को, मुझे दिल में जगह दो,

तुम्हारा छोटा सा दिल उन्हें समेट नहीं पायेगा।

तुम्हारे आँचल में केवल मैं रह सकता हूँ,

मैं वही हूँ जो नीले रंग को गहरा कर पायेगा!"

चैन की नींद

कांटा कुछ इस तरह चुभा था

कि लहू रिस कर अरसा बीत गया।

रह गयी रगों में अब लहू की प्यास है ,

जिस्म मरा नहीं पर ज़िन्दगी की आस है।

लहू बह चुका, खारा पानी रुकता नहीं,

सूख कर मर चुके हैं हम, अब घाव भरता नहीं।

सारा लहू तो पी लिया, खारा पानी चूसते हो।

अब तरस खाओ, ताकत तो छोड़ दो,

रेगिस्तान बना दिया हमें, रेत को भी ठूंसते हो!

कब्र खोदने के लिए औज़ार तो छोड़ दो।

इतना लहू नही कि ताकत भरती जाए,

कब्र इतनी बड़ी नहीं की चैन कि नींद आ जाए।